कम विकसित देशहरुको औसत ११ किलोग्राम प्रति ब्यक्ति प्रति वर्ष माछा खपतलाई हेर्ने हो भने नेपालको ४ किलोग्राम प्रति ब्यक्ति प्रति वर्ष निकै कम छ र सन २०३० भित्र माछाको उत्पादन ३ गुणा बढाई श्वदेशमै रोजगारी सिर्जना गरी मत्स्यपालनलाई आत्म निर्भर बनाउने देशको निति भएको सन्दर्भमा मत्स्य पालन ब्यबसायलाई तिब्र विकास गर्नु पर्ने आबस्यकता देखिएको छ।
मत्स्य पालन भनेको कुनै पनि जलाशयहरुमा (पोखरी, धान खेत, घोल, ताल आदी) नियन्त्रीत तरिकाले माछा पाली माछा उत्पादन गरिने तरिका हो । प्राकृतिक जलाशयमा मत्स्य विज ,दाना ,पानी,मल ,चुनाको ब्यबस्थापन नगरी माछा मात्र समात्ने कार्यलाई क्याप्चर फीशरिज भनिन्छ। कमल फुल, पानी साग, घोंगि, पाहा, गोही, कछुवा लगाएत ब्यबस्थित तरीकाले समुन्द्र वा समुन्द्रको किनारमा अल्गि(algae/sea weed)झिंगामाछा सिपी अन्य माछाहरुको पालन पनि मत्स्य पालन हो ।
माछा पालनका फाईदाहरु
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माछा स्वादिलो तथा पौष्टिक खाद्य वस्तु भएकोले माछा खानाले शरिर स्वस्थ र तन्दुरुस्त रहन्छ ।ओमेगा -३ फ्याट्टी एसिडले मुटु ,मस्तिस्क तथा रक्त धमनीहरुलाई स्वस्थ राख्छ।हामीले खाने कूल प्राणी जन्य प्रोटिनको एक तिहाई माछावाट आपूर्ति गर्न आबस्यक छ।
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माछा पालन कृषकहरुको आयश्रोत तथा रोजगारीको माध्यम बन्न सक्छ। माछा संगसगै धान, तरकारि, फलफुल तथा पशुपालन गर्दा प्रति ईकाइ जग्गावाट एकै समयमा दोहोरो वाली लिनुको साथै उत्पादन लागत समेत कम भई बढि आम्दानी हुने गर्छ ।
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प्रयोगमा नआएका बगी राखेको पानी, जलाशय, प्रयोगमा नआएका सेपिलो तथा धापिलो जग्गाको प्रयोग भई आयस्तर बढाउनका साथै खाद्य सुरक्षामा मद्दत पुर्याउछ ।पोखरी निर्माणले जमिनमा water recharge गराई water table बढाउनुको साथै सौन्दर्य तथा मनोरंजन पनि प्रदान गर्छ।
मत्स्य पालनका लागि प्राविधिक रुपमा सिफारिश भएका प्रजातिहरु
क्रसं | जात | बस्ने सतह | खाने बानी | बृद्धि (% body weight/day) | कैफिएत |
१ | कमन कार्प | पिंध | सर्बहारी | १-३% | ईजरेली /जर्मन कार्प/विदेशी जात |
२ | सिल्भर कार्प | माथिल्लो सतह | phytoplankton | १-३% | विदेशी जात |
३ | विगहेड कार्प | माथिल्लो सतह | zooplankton | १-३% | विदेशी जात |
४ | ग्रास कार्प | विचको सतह | दाना/घाँस | १-३% | विदेशी जात |
५ | रहु | विचको सतह | दाना ,लेउ, सर्बहारी | १-२% | श्वदेशी जात |
६ | नैनी | पिंध | दाना ,लेउ, सर्बहारी | १-२% | श्वदेशी जात |
७ | भाकुर | माथिल्लो सतह | zooplankton | १-२% | श्वदेशी जात |
८ | रेन्वो ट्राउट | सबै सतह | मांसाहारी | २००-३०० ग्राम प्रति वर्ष | विदेशी जात |
मत्स्य पालनका लागि प्राविधिक रुपमा सिफारिश भई सीमित मात्रामा पालनमा रहेका प्रजातिहरु | |||||
१ | पंगास बैखा | सबै सतह | सर्बहारी | ३-५% | विदेशी जात/ क्याट फिश |
२ | टिलापिया | सबै सतह | सर्बहारी | २-३% | विदेशी जात /MONOSEX |
अध्ययन अनसुन्धान र अति सीमित मात्रामा मात्र पालनमा रहेको जातहरु | |||||
१ | शहर | सबै सतह | सर्बहारी | २००-३०० ग्राम प्रति वर्ष | श्वदेशी जात |
२ | पुन्टिएस | माथिल्लो सतह | सर्बहारी | ५०० ग्राम प्रति वर्ष | विदेशी जात |
३ | हाईव्रिड मांगुर | सबै सतह | मांसाहारी सर्बहारी | ३-५% | विदेशी/ क्याट फिश /BANNED |
४ | रुपचन्दा(pacu) | सबै सतह | मांसाहारी सर्बहारी | २-३% | विदेशी जात /BANNED |
५ | झिङ्गे माछा | पिंध | सर्बहारी | ५०-१०० ग्राम/६ महिना | विदेशी जात |
सजावटी माछाहरु | |||||
१ | गोल्ड फिश | विदेशी जात | |||
२ | कोई कार्प | विदेशी जात /FANCY CARP | |||
३ | गप्पि | विदेशी जात | |||
४ | श्वोर्ड टेल | विदेशी जात | |||
५ | पल्याटी | विदेशी जात | |||
६ | कोलिसा | विदेशी जात | |||
मत्स्य पालन गर्न सकिने सम्भावित प्रजातिहरु | |||||
१ | असला | श्वदेशी जात | |||
२ | गर्दि | श्वदेशी जात | |||
३ | जलकपुर | श्वदेशी जात | |||
४ | बुवारी | श्वदेशी जात | |||
५ | टेङ्ग्रा | श्वदेशी जात | |||
६ | पाब्दा | श्वदेशी जात | |||
७ | बचवा | श्वदेशी जात | |||
८ | सौरा | श्वदेशी जात | |||
९ | बाम | श्वदेशी जात | |||
१० | कत्ले | श्वदेशी जात | |||
११ | घोंगी | श्वदेशी जात/MOLLUSC | |||
१२ | पाहा | श्वदेशी जात/AMPHIBIAN | |||
१३ | पानी साग | WATER SPINACH | |||
१४ | कमल फुल | LOTUS | |||
१५ | मखाना | Euryle ferox | |||
१६ | सिंगाडा | Trapa bicornis |